महिला सशक्तिकरण क्या है
महिला सशक्तिकरण क्या है | इसे आसान शब्दो में परिभाषित करे तो कहे सकते है की महिला को अपना जीवन जीने की सारी आजादी हो वह अपना अच्छा और बुरा करने की खुद की मालिक होती हो | प्राचीन काल में महिलाओ को इसकी आजादी नहीं थी | प्राचीनकाल में पुरुष घर का मुखिया होता था | वह जो निर्णय करता था तो उसका निर्णय सर्व उत्तम होता था | लेकिन आज के युग में महिलाओ को समान अधिकार है की वह अपने आप भी निर्णय ले कर सभी काम भली भाती पूर्ण कर सकती है |
लेकिन पहले तो महिलाओ को शिक्षा का भी अधिकार नहीं था | इस बुरे चलन को खत्म करने के लिये हमारे बहुत से महापुरषो ने अपनी आबाज उठाई और वह खुल कर सामने आए | जैसे राजा राम मोहन रॉय की लगातार कोशिशों के बाद सती प्रथा को भी समाप्त कर दिया गया |
ऐसे और भी काफी महापुरुष आगे आये | जैसे ईश्वरचंद्र विद्यासागर जी ने भी अपने कथित प्रयास से विधवा पुने विवाह की १८५६ शुरुआत करवाई थी | जरुरी है की हमे महिला सशक्तिकरण में महिलाओं पुरुत्साहित करना चाहिए जिससे महिलाओ का मनोबल उच्च रहे और महिलाओ को भी इसमें अपना योगदान देना चाहिए |
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