बाल श्रम क्या है ?
साधारण शब्दों में समझाया जाये तो बाल श्रम वह है जिसमे १४ साल से कम उम्र के बच्चों को काम पर लगाकर उनसे काम कराया जाता है बाल श्रम कहलाता है। कुछ लोग बच्चों से कम उम्र में काम करते है। जिस समय उन बच्चो को अपने जीवन को शिक्षा में ढाल देना चाहिए उस समय उनको काम करना पड़ता है। उस समय उन्हें शिक्षा से हटाकर उनके जीवन से शिक्षा का अधिकार छीन लिया जाता है। और उनको मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता वो भी चंद रुपयों के कारण ऐसा होता है।
आज भी देश भर में लाखो बच्चे मजदूरी करते है। जिस समय उनका जीवन खेल कूद और पढ़ाई में गुजारना चाहिए उस समय वो किसी के घर में सफाई और पोछा लगाने में अपना जीवन खराब कर रहें होते है। हमरे देश में बाल श्रम पर कानून भी बना हुआ है लेकिन उसका कोई फर्क नजर नहीं आ रहा है। आज आप बड़े शहरों या छोटे शहरों में इस प्रकार की घटनाये देख सकते हो आज हमारी सरकार ने आठवीं तक की कक्षा नि:शुल्क कर दी है फिर भी इस योजना का गरीबी और भूख मरी के कारण उपयोग नहीं हो पा रहा है।
बच्चों का मानसिक संतुलन नहीं बिगड़ना चाहिए
केवल सरकार के काम करने से काम नहीं बनेगा हमें अपने आप को भी सुधारना होगा। हमें सोचना होगा की जो काम हम नहीं कर पाए वो काम बच्चा करके हमे दिखा सकता है। माता- पिता अपने बच्चे को पढ़ाई के लिए उत्साहित करना चाहिए। उन से कहना चाहिए बेटा तुम्हारी पढ़ाई करने की उम्र है तुम्हे पढ़ना चाहिए। क्योकि बच्चो का मानसिक संतुलन बिगड़ना नहीं चाहिए वे ही हमारे आने वाले भविष्य है। अगर बच्चे का मनोवल टूट गया तो हम अधर में आ जायगे।
अगर कोई बच्चा आपको काम करता मिले तो उसे हमेशा शिक्षा के लिए उत्साहित करना चाहिए। जिससे उसके मन में भी शिक्षा के प्रति उत्सुकता पैदा हो जाये और वः अपने माता-पिता से शिक्षा के लिए बोले की में भी पढ़ना चाहता हूँ। में भी स्कूल जाना चाहुँगा। शायद उस बच्चे की इस प्रकार से बात करने पर उसके माता-पिता को अपनी जिम्मेदारी समझ आ जाए और वे उसे स्कूल भेज दे। हम ऐसा तो कर ही सकते है अगरआसपास कोई बच्चा काम करता मिला जाय। आम जानता का भी यह कर्तव्य होता है की हम कही पर भी इस प्रकार की गतिबिधि को देख कर उसे कहें सकते
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