शिक्षा एक समान होनी चाहिए तभी कोई देश तरक्की कर सकता है। हमें शिक्षा को समान पाट्यक्रम के साथ जोड़ना चाहिए चाहे वह सरकारी स्कूल हो या प्राइवेट स्कूल इस तरह जो वर्ग उच्च होते है उन्हे तो उसका लाभ मिल जाता है। लेकिन जो वर्ग छोट होते है उन्हें सही लाभ नहीं मिल पता है। क्योकि प्राइवेट स्कूल में तो उन्हें उच्च शिक्षा मिल जाती है। लेकिन सकरी स्कूल मे इस तरह की शिक्षा नहीं मिल पाती है। इस लिए मेरा मानना है की शिक्षा एक सामान होनी चाहिए।
तभी हर वर्ग के विधार्थी को सही शिक्षा मिल पाएगी। हमने सुना है की काफी देशो में शिक्षा सामान है और वहा तो मेडिकल सुबिधा भी सामान है। ऐसा अपने देश में भी होना जाना चाहिए। तभी तो देश आगे बढ़ेगा। सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूल के बच्चो में एक अंतर बहुत बार देखा गया है की उनके नंबर में बहुत बड़ा फर्क नजर आता है अक्सर अपने भी ये देखा होगा।
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