अगर हम किसी को कुछ भी सीखा रहे है या किसी भी प्रकार की जानकारी दे रहे है। तो सबसे पहले हमे उस जानकारी की सही जानकारी होनी चाहिए नहीं तो हम किसी को भी नहीं सीखा सकते है। पहले हमे उस जानकारी को अपने दिमाक में रखना पड़ता है उसके बाद ही हम दूसरो को उस जानकारी को दे सकते है। एक पढ़ाने बाले व्यक्ति को पहले खुद मेहनत करनी पड़ती है उसके बाद दूसरो को पढ़ाने में मेहनत करनी पड़ती इस प्रकार हम डबल मेहनत करते है। इस लिए कहते है की पढ़ाने बाला सर्व बुद्धिमान कहलाता है।
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