शिक्षा से ज्यादा मूल्यवान कोई चीज नहीं है इसे केबल परिश्रम द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है जैसे में आपको एक सच्ची कहानी के बारे में बताता हूँ। जब में छोटा था उस समय की बात है एक गॉंव में एक बहुत गरीब परिवार रहता था। उनके पास उतना पैसा नहीं था की वो अपने बच्चो की पढ़ाई करा सके लेकिन उनके एक बच्चे पढ़ाई करने की बहुत लगन थी तो वह क्या काम करता था रोज शाम को जंगल जाकर घा कर लाया करता था और उसे बेच कर पढ़ाई करता था।
वह पढ़ाई करता गया और जंगल से घास भी लाता रहा एक दिन सरकारी नौकरी में उसका सलेक्शन हो गया और वह साहब बन गया और उसे अच्छा पैसा मिलनी लगा। फिर उसने अपने छोटे भाई बहन को भी पढ़ाई करायी मुझे अभी तक यह बात याद क्योंकि उस समय मुझे इतनी जानकारी नहीं थी मेरी दादी जी मुझे बताती थी। लेकिन हा बाद में जब में बड़ा हो गया तो मेने उस व्यक्ति के बारे में सभी से बात की तो सभी ने मुझे यही बतया जो मेरी दादी जी मुझे बढ़ती थी तो मेरा विश्वास और भी गहरा हो गया। तब मैने सोचा की अगर प्रतिक व्यक्ति अपनी मेहनत से इस प्रकार से काम और पढ़ाई करे तो सभी शिक्षित हो जायगे।
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