में एक गरीब परिवर से हूँ। लेकिन मैने कभी भी हिम्मत नहीं मानी जो भी काम मुझे मिला में उसे करता गया क्योकि मेरे परिवार के पास इतना पैसा नहीं था की वो मुझे पढ़ाई करा सके। लेकिन में फिर भी पढ़ाई करता गया और अपने माता पिता पैसा कमाने में सहायता करता गया।
फिर मेरे माता पिता को मेरी इस तरहे से काम करने के लिए मुझसे खुश रहने लगे फिर में काम करता गया और मेरे परिवार की काफी अच्छी कमाई होने लगी। मैंने इट के भट्टे पर काम किया उसमे मुझे रोज़ के दस रुपये मिल जाते थे। यह उस समय की बात है करीबन पच्चीस साल पहले की बात हैं। उस समय लोगो के पास रोजगार कम था। तो उस समय दस रुपये भी काफी लगते थे। लेकिन मेने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और पढ़ाई करता था और काम भी करता था।
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