विधार्थी के जीवन क्या है
पढ़ने बैठता हूँ लेकिन नींद आने लगती है। पढ़ाई में मन नहीं लगता क्या करू में अपने ध्यान को केंद्रित भी करता हूँ लेकिन पढ़ाई में मन ही लग पता। मुझे पता है की मुझे पढ़ाई करनी क्योकि ये मेरे लिए बहुत जरूरी है फिर भी कई बार पढ़ाई करने की कोशिस करता हूँ फिर भी पढ़ाई में मन नहीं लगता ऐसा हर एक व्यक्ति के मनोभाव उत्पन होता है।
अपने देखा होगा की सचिन तेंदुलकर ने क्या पढ़ाई नहीं की। क्या उन्होने ये काबिलियत ऐसे ही हाशिल कर ली क्या प्रधान मंत्री मोदी जी ने पढ़ाई नहीं की। हा इन सब ने अपनी पढ़ाई की और वे आज भी पढ़ाई करते है। अपने अपनी जिंदगी में इतनी पुस्तके नहीं पढ़ी होंगी जितनी इन लोगो ने पढ़ी है।
पढ़ाई के लिए समय की जरुरत नहीं होती है। ऐसा नहीं है थोड़ा ही सही आपको मन लगाकर पढ़ना है। लेकिन इनके मन में एक इच्छा थी की वो कुछ करना चाहते है और कुछ करके दिखाना चाहते है। आपके मन में भी ऐसी सोच होनी चाहिए। अपने मन को कंटोल करना होंगा यदि आप अपने मन को कंटोल नहीं कर सकते तो आपको सफलता नहीं मिल सकती है।
मन को कन्ट्रोल करना
अगर आपने अपने मन में ठान लिया की मुझे ये काम या अपनी पढ़ाई पूरी करनी है। आपको अपने मन और ध्यान को केंद्रित करना होंगा। आपके मन में अच्छे अच्छे विचार आने चाहिए। अच्छे विचार कहा से आते है आपको हमेशा उन लोगो के वारे में जानकारी इकठा करनी होगी जो अपने मकसद में कामयाब हो चुके है।
आपको अपने मन को कंटोल करके सोचना होगा की में अपने माता पिता के पैसे को बर्बाद नहीं करुगा। मुझे पढ़ना है कुछ भी हो जाए मुझे तो सिर्फ पढ़ाई करनी है। आप सोचोगे की में कल पढ़ लूंगा लेकिन ये सोच सही नहीं है।
मुझे तो आज ही पढ़ना है मुझे अपने सपनो को पूरा करना है। एक बार अपने पापा के बारे सोचो की वो दिन भर काम करके जब घर आते है और आपको पढ़ाई करते देखते है तो उन्हें अपने पुरे दिन के काम की थकान भी कम हो जाती है उनके बारे में सोचो। वे कितने खुश होते होंगे जब आप को परीक्षा को उत्तीर्ण करते है और अच्छे अंक लेकर आते है। उनके मन को पढ़ो और उनकी ख़ुशी को देखो।
वे अपनी सारी कमाई आपकी स्कूल की फ़ीस और किताबो में लगा देते है और दो वक्त की रोटी दे पाते है वो अपने लिए तो कुछ भी नहीं बचाते है उनके बारे में थोड़ा सोचो। फिर आपको एहेसास हो जायेगा की पढ़ाई कितनी जरूरी है। पढाई को आप एक अपना मकसद बना लो फिर देखो की आपको पढाई करने में मन भी लगेगा और आपकी पढाई भी अच्छी होंगी।
मेरा समय खेल कूद या मौज मस्ती में बर्बाद हो चुका
ये मत सोचो की मेरा समय खेल कूद या मौज मस्ती में बर्बाद हो चुका है। ये सोचो की मुझे अब क्या करना है। पिछली बातो को याद करके आपको कुछ भी नहीं मिल पायेगा। अब आगे के बारे सोचो क्योकि समय कभी बर्बाद नहीं होता है। समय हमेशा हमे कुछ सीखा जाता है।
हमे अपनी कमजोरियों को कभी भी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। क्योकि हमे अपनी कमजोरी से ही कुछ सिखने को मिलता है। उन कमजोरी को हमने दूर करना है वो कैसे करना ये सब आपको अपने आप करना है।
अपना एक नियम बना लो की मुझे किस किस समय क्या करना है। जैसे मुझे फ़ोन पर कितनी देर बात करनी और सोशल मिडिया पर कितना समय लगाना है और फिल्म या सीरयल किस किस समय देखना है। जब तक आप अपनी जिंदगी में एक टाइम टेबल नहीं बना सकते तब तक आप पढाई नहीं कर सकते है। ये तो आपको करना ही होगा क्योकि आपको कुछ कर दिखाना है।
विधार्थी को कुछ ऐसी बाते भी हमेशा याद रखनी चाहिए
जिसके पास लक्ष्य नहीं होता है वह अपने जीवन में घूमता रहता है।
मानव विकास लक्ष्य निर्धारण के बीना अधूरा रहता है।
पैसा कामना और उसे संभालना दोनों अलग अलग है।
सफलता उन चीजों को करने आती है जिन्हें मन नहीं करता
एक व्यक्ति तब तक अच्छा नहीं कर सकता जब तक वो फैसला नहीं करता
इंसान हमेशा अपनी हैसियत के बराबर कमाता है।
आपको उस स्थान से पहले रुकना नहीं है जहाँ आप पहुंचना चाहते है
जिस व्यक्ति के पास लक्ष्य नहीं है उनका जीवन गोल है।
कोई किसी के लिए नहीं करता जो कुछ करता है वह अपने लिए करता है।
आपकी आय आपके व्यक्तित्व से आगे कभी नहीं बाद सकती है।
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