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विषय किसे कहते है

    विषय 

 विषय शब्द हिंदी भाषा से लिया गया है। जिसका अर्थ  किसी एक संबध वाली वस्तु जैसे गणना करने के लिए गणित का प्रयोग और अविष्कार करने के लिए विज्ञान का प्रयोग विषय कहलाता है। और भी बहुत से विषय है जैसे हमे अपने पूर्वजों का इतिहास जाने के इतिहास विषय का प्रयोग करते है। हिंदी विषय से हमे अपनी मातृ भाषा ज्ञान मिलता है। कृषि विज्ञान से हमे कृषि की जानकारी मिलती है। अंग्रेजी विषय से हमे अंग्रेजी की जानकारी मिलती है।  ऐसे और भी बहुत से विषय है जिन से हमे हर प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है। 

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                                   विषय के प्रकार 

गणित ,विज्ञान ,कृषि विज्ञान ,इतिहास ,संस्कृत ,हिंदी ,अंग्रेजी ,कला ,भूगोल ,गृह विज्ञान ,अर्थशास्त्र,मनोविज्ञान ,जीवविज्ञान ये सब मुख्य विषय है | 

                                                             गणित 

गणित विषय में हम सभी प्रकार की गणनाओ का उपयोग करते है। गणित एक उपयोगी विषय है। सभी विषयो में गणित का प्रमुख स्थान है। हम जीवन में किसी भी विषय पर बात करे तो उसमे गणित को शामिल करना ही पड़ता है। जैसे किसी वस्तु को जोड़ना, घटना,गुणा करना या किसी वस्तु को बाटना या भाग करना ये सब गणित के अंतर्गत आते है। जैसे उदाहरण  बैंक में पैसो का लेन देन हिसाव किताब करना। 

                                 गणित के प्रकार 

गणित तीन प्रकर के होते है। 
१ - अंकगणित 
२ -रेखागणित (ज्यामिति )
३ - बीजगणित 

१ - अंकगणित गणना करने की प्राम्भिक व मौलिक क्रिया है। हम सब अंकगणित से अपनी शिक्षा में जोड़ना घटना गुणा और भाग करना सीखते है। दुनिया का कोई भी स्थान हो वह पर सबसे पहले गणित की इस शाखा को पढ़ाया जाता है। 

२ - रेखागणित (ज्यामिति ) इसमें रेखाओ का अध्ययन किया जाता है रेखगणित गणित की सभी सखाओ में से एक बहुत पुरानी विद्या है। इसका उपयोग नाप में किया जाता है जैसे समतल,वक्र ,रेखाओ भूमि के नापने में भी किया जाता है। 

३ -बीजगणित एक प्रकार का सूत्रधारि कहलाता है | इस गणित से हमे भिन्न भिन्न प्रकार की समस्याओ को भिन्न भिन्न सूत्रों के द्वारा हल कर सकते है। बीजगणित सभी गणित को एक सूत्र में पिरोने वाला विषय है।  

                                                              विज्ञान 

विज्ञान में हम नई नई प्रौद्योकी का अविष्कार करते है। हमारे जीवन में आने वाली सभी प्राकतिक वस्तुओ का अध्ययन करते है | इसमें हम वस्तुओ के गुण का पता लगते है।  

                       कृषि विज्ञान 

कृषि उत्पादकता को बढ़ाने और सही कृषि उत्पन करने को ही कृषि विज्ञानं कहते है। इसमें फसल को तैयार करने की सभी प्रकर की सही जानकारी मिलती है। हमे खेत में कब खाद,पानी कब और कितने समय के बाद देना है।  खेत के लिए बीज कितना चाहिए बीजो का चयन करना | कृषि विज्ञान में सभी विज्ञानो का प्रयोग किया जाता है।  जैसे जीवविज्ञान ,रसायन विज्ञान ,और भौतिकी विज्ञानं का भी प्रयोग किया जाता है।  

                             इतिहास 

घटी या घट चुकी घटनाओ का अध्यन जिस से मिलता है उसे इतिहास कहते है। जो घटी हुई घटनाओ को एक व्यवस्थित चित्र के रूप में इकठा करना इतिहास के अंतर्गत आता है।  

                                   संस्कृत 

संस्कृत एक वैदिक भाषा है इसका उपयोग ग्रंथो में किया गया है। यह विश्व के प्राचीन भाषा है। भारत में ही इस विषय को अलग छेत्र में रखा गया। इस विषय में हमे संस्कृत में पाठ व कहानियो का अध्ययन मिलता है।  

                                         हिंदी 

हिंदी विषय संस्कृत से बनाया गया है। अर्थाथ संस्कृत ही हिंदी की जननी है। भारत में तो हिंदी विषय का बहुत ही बोलबाला है। इस विषय को तो सभी स्कूलो में मुख्य कर दिया गया है। हिंदी विषय से हमे भाषा का ज्ञान प्राप्त होता है। हमे किस प्रकार से अपने शब्दों को बोलना है या किसी को अपनी मातृ भाषा में समझाना है। हिंदी विषय का बहुत बड़ा विस्तार है।  

                                                              अंग्रेजी 

अंग्रेजी एक अंतर्राष्टीय विषय है। भारत में इसका कम प्रचलन है लेकिन विदेशो में तो अंग्रेजी बोलते अंग्रजी सुनते और अंग्रेजी में ही गाते है। क्योकि अंग्रेज़ी उनकी मातृ भाषा होती है। अंग्रेजी विषय को हम कठिन क्यों समझते है क्योकि ये हमको बचपन से नहीं पड़े या सिखाई जाती है। आप ने देखा होगा की अगर कोई बच्चा अंग्रेजी को बच्पन से सीखता है तो वह हमेशा अंग्रेजी ही बोलता है।  

                                                                कला 

कला में शारीरिक और मानसिक कौशल का प्रयोग किया जाता है। कला को हम आर्ट या कलाकृति भी कहते है।  लेकिन कला का अभी तक कोई भी सही परिभषित नहीं कर पाया है। इसकी लाखो परिभाषाये है। इसलिए इसकी कोई परिभाषा नहीं है क्योकि हम हर प्रकार के छेत्र के व्यक्ति को एक कलाकार कह सकते है। कला या आर्ट बनाने बाले को हम कलाकार नहीं कह सकते क्योकि कलाकार तो एक फिल्म बनाने बाला भी हो सकता है और मशीन बनाने बाला भी। 

                                                                भूगोल 

भूगोल का अर्थ है भू अर्थार्थ भूमि गोल अर्थार्थ गोलमोल इसलिए इसे हम भूमि गोल या गोल भूमि कह सकते है।  
भूगोल विषय से हमे पूरी पृथ्वी का ज्ञान प्राप्त होता है। इस पृथ्वी पर जितने भी देश,समुंद्र,सागर,पहाड़ ,वन या नदिया है उन सब की परिमाप हम भूगोल के द्वारा ही कर पाते है।  






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