एक अध्यापक को आने वाली सभी चुनौतिओं
एक अधयापक को पहले अपने आप को उत्साहित करना पड़ता है। फिर उसे अपने विधार्थीओ को उत्साहित करना पड़ता है। और एक अध्यापक के सामने आने वाली सभी प्रकार की समस्या को ध्यान पूर्वक हल करके। फिर वह अपने विद्यार्थियों को उन चुनौतिओं को उत्साहित करके पूरा करता है।
एक अध्यापक समय समय पर विद्यार्थीओ के माता पिता के साथ मुलाकात करके उनके बच्चे के बारे में उन से बातचीत करके उन्हें उत्साहित करके बच्चे को उत्साहित करने के लिए कहते है। एक अध्यापक स्कूल में बच्चे को और उसके माता पिता को शिक्षा की ओर अग्रसर ले जाता है। इस प्रकार माता पिता को भी बच्चे के बारे में सभी प्रकार की जानकारी मिल जाती है। अगर माता पिता को बच्चे की कोई भी कमी मिलती है तो वे उसे पूरा करने का प्रयास करते है।
लेकिन अभी भी अध्यापक के सामने काफी समस्या बनी हुई है। जैसे प्राथमिक विद्यालय में अभी भी कम बच्चे पढाई करते है। इसका एक कारण है क्योकि गांव के लोग अभी भी ये सोचते है की प्राथमिक विद्यालय में बच्चो को सही प्रकार की शिक्षा नहीं मिल पा रही है। जब की भारत में इस समय देखे तो अब प्राथमिक विद्यालयों में काफी कुछ सुधार हो चूका है।
एक अध्यापक के सामने और भी समस्या है। जैसे किसी प्रदेश के प्राथमिक विद्यालय में तो एक एक अध्यापक के पास पढ़ने के लिए उसकी कक्षा में इतने अधिक बच्चे होते है। की अध्यापक को उन सभी बच्चो को काम देने के लिए बच्चो का सहारा लेना पड़ता है। और काम देने के बाद उसको जाँचने के लिए भी एक दूसरे बच्चो से काम लिया जाता है।
फिर आप ही सोच सकते है की एक प्राथमिक विद्यालय के बच्चे किस प्रकर से शिक्षा ग्रहण करते है। जब तक प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापक की कमी रहगी। तब तक प्राथमिक विद्यालयों में एक अध्यापक के सामने काफी समस्या रहेगी।
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