एक बच्चे की प्राथमिक शिक्षा
एक बच्चे की प्राथमिक शिक्षा उसकी अपनी माँ से मिलती है। दूसरी शिक्षा उसे अपने शिक्षक से मिलती है। इसलिए कहते है की एक विद्यार्थी और एक शिक्षक का अटूट रिस्ता होता है। शिक्षक अपने विद्यार्थी को कभी भूलता नहीं और विद्यार्थ भी अपने शिक्षक को कभी भूलता नहीं है। में अपने बारे में आपको बताता हूँ। यह उस समय की बात है जब में उच्च विद्यालय की परीक्षा दे रहा था।
उस समय मेरा पहला गणित का कागज़ सही नहीं हुआ था तो मैंने अपने गणित के अध्यापक को इसकी सूचना दी। तो उन्होने मुझसे कहा की घबराने की कोई बात नहीं अगर पहला पेपर सही नहीं गया तो दूसरे पेपर की सही ढंग से तैयारी करो और फिर मुझे बुलाकर काफी सारी व्यायाम कराया उसके बाद मेरा मनोवल बहुत उच्च हो गया था। उसके बाद मेरे दूसरे पेपर में काफी अच्छे नंबर आये। तब में बहुत खुश हुआ। और उसके बाद आज तक में अपने मैथ के अध्यापक को अभी तक नहीं भूल पाया न ही मेरे अध्यापक मुझे भूल पाए।
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