शिक्षा को सीखना एक कड़ी होती है
शिक्षा को सीखना एक कड़ी होती है। जैसे कोई बच्चा साईकिल सीखता है तो पहले वो उसे पैदल चलता है उसके बाद साईकिल का डंडा पकड़ कर चलता है। फिर वह डंडे पर के ऊपर बैठकर चलता है और उसके बाद वह गद्दी पर बैठकर चलता है | इस प्रकार वह साईकिल सीख जाता है। इस प्रकार से उसे कई कड़ियों से गुजरना पड़ता है तभी तो वो सीख पाता है। और उसे काफी समय भी लग जाता है। यह एक दिन में नहीं होता है। इसी प्रकार शिक्षा होती है शिक्षा में भी कई कड़ियों से गुजरना पड़ता है। पहले वह प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करता है। उसके बाद सेकंड्री और फिर उच्च शिक्षा ग्रहण करनी पड़ती है। कोई भी शिक्षा प्राप्त करने में समय तो लागता ही है। अगर हम यह सोचने लगे की हम तुरंत सीख सकते है तो यह हमारी गलत सोच है। हमे कुछ पाने के लिए कोच तो देना ही पड़ेगा नहीं तो हमे कुछ भी हाशिल नहीं होगा।
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