विषय का पूर्ण ज्ञान
एक अच्छे विधार्थी के मन में पढ़ाई करते समय केवल पढ़ाई के विचार ही आने चाहिए। जब विधार्थी रात को पढ़ाई करते है तो अगर वह पढ़ाई के बारे सोचेगा तो उसे रात को पढ़ाई के ही सपने आएंगे और वह जल्दी सुबह जाग जायगा और उसका पढ़ाई में मन लगेगा। और सुबह पढ़ाई हमेशा याद रहती है क्योकि उस समय का वातावरण बहुत शांत होता है। इसलिये अगर हम शांत वातावरण में कोई भी विषय को याद करते है।
तो हमे उस विषय का पूर्ण ज्ञान हो जाता है। इस लिए देखा गया है की प्राचीन काल से ही ऋषि मुनि एकांत और शांत माहौल में ही तपस्या किया करते थे। क्योकि उन्हें कोई भी परशानी का सामना नहीं करना पड़ता था। और उनकी तपस्या भी पूर्ण हो जाती थी। इसी प्रकार एक विद्यार्थी को भी अपनी पढ़ाई करनी चाहिए। क्योकि विधार्थी भी पढ़ाई करते समय एक ऋषि मुनि की ही तरह होते है। विधार्थी भी पढ़ाई में तपस्या करते है।
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