गणतंत्र पर तलवार-तंत्र की साजिस किसकी
गणतंत्र पर तलवार-तंत्र की साजिस किसकी। आज जो हमारे देश में हुआ वह बहुत बुरा हुआ। भारत देश वासियो के लिए यह चिंता का विषय बन गया है। क्योकि आज तक ऐसा प्रदर्शन पहले कभी देखने को नहीं मिला था। एक कानून बनाने के चक्कर में ये सब कुछ हुआ। क्या लोगो को कानून पर विश्वास नहीं है। क्या इंसान का जमीर मर गया है। जो देश का नुकसान हुआ है उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
क्या ये किसान संगठन के जो नेता बने बैठे है उनको जबाब देना चाहिए और उनसे जबाब आम जनता को भी लेना चाहिए। जो आज उपद्रवीय हमारी देश की राजधानी में हुआ। इसका जिम्मेदार कौन है। सारे संसार में आज देश वासियो की गर्दन शर्म से झुक गयी वो भी कुछ किसानो के चक्कर में आज उपद्रव्यों ने हमारे राष्ट्र के प्रतिक ध्वज को भी नहीं छोड़ा उसे भी लाल किले से उतारकर उसकी जगह पर कोई धार्मिक झंडा लगा दिया गया।
दो महीने से शांतिपूर्वक प्रदर्शन चलने के बाद ऐसा क्या हुआ। कि किसान अपने आप को समाल नहीं पाए या कहीं से उन्हें ऐसा करने के लिए उकसाया गया ऐसी कौन इन लोगो में शिक्षा का अभाव है। क्या इन सभी लोगो में कोई शिक्षित नहीं था। क्या उन्हें पता नहीं था की राष्ट्र का नुकसान है। अब कानून उन सब उपद्रवियों पर कड़ा एक्शन लेगा या नहीं कानून को अपना काम जी हां। अब कानून ने एक्शन ले लिया है।
सख्त हुई सरकार किसान नेताओ के खिलाफ
लुकआउट नोटिस जारी किया
दिल्ली के आस पास के बॉर्डर पर किसानो का दो महीने से चल रहा आंदोलन २६ जनवरी को टैक्टर रैली में तब्दील हो गया। अब दिल्ली पुलिस का एक्शन जोरो पर है। गृह मंत्रालय ने भी दिल्ली पुलिस को सख्त आदेश दे दिए गए है। जिन किसान नेताओ पर मुकदमा दर्ज है उनके खिलाप लुकआउट नोटिस जारी होगा। दिल्ली पुलिस का कहना है की किसानो ने हमे धोका दिया है। जो रास्ता उनके रैली निकले के लिया जारी किया था वह उस रस्ते से हटकर दूसरे रस्ते पर उनपनी रैली निकली। पुलिस ने उन्हें काफी समझाया लेकिन किसी ने पुलिस की बात नहीं मानी।
कृषि कानून:किसानो की मांग कोर्ट ने जो पैनल बनाया है उसे
बदला जाये ताकि न्याय हो सके
सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानून को लेकर किसान और किसानो के बीच छिड़ीं जंग को देखकर एक समिति का गठन किया था। लेकिन अब एक किसान संगठन ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि नए कानून के चलते किसान और सरकार के बीच हल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल से सदस्यों को हटाया जाए।
किसानो का कहना है कि जिन सदस्यो ने पहले से ही तीनो किसान बील का समर्थन किया हो तो वे मापदंडो को कैसे सुनेंगे
किसान आंदोलन Live : गाजीपुर बॉर्डर पर हलचल तेज़
गाजीपुर बॉर्डर पर जहाँ किसान आंदोलन कर रहे है। अब वहा से बिजली पानी और शौचालय को भी हटा दिया गया। इस पर भाकियू के राष्टीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा की आंदोलनकरी किसानो को परेशान करने के लिए ऐसा किया गया जिससे किसान यहाँ से चले जाये। और पुलिस का नोटिस मिलने पर कहा कि वकील द्वारा दिल्ली पुलिस को सरे सवालों का जबाब मिल जायेगा।
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