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गणित एक उपयोगी विषय है

        गणित की परिभाषा कैसे परिभाषित करेंगे 

गणित एक उपयोगी विषय है। इसे आप कैसे परिभाषित कर सकते है। हम कह सकते है की गणित के बिना सब कुछ अधूरा है हम कैसे कह सकते है। मान लीजिए आपने कोई भी आकृति बनाई और उसकी माप आपने ली ही नहीं तो उस आकृति का कुछ मतलब ही नहीं होता है। हम पूरा जीवन केवल गणित में ही घूमते रहते है। अगर यह बात सही ना हो तो आप मुझे बता सकते हो। बड़े बड़े वैज्ञानिक और डॉक्टर बहुत से प्रयोग करते रहते है लेकिन अगर उन्हें गणित का ज्ञान नहीं है तो वो सब बेकार है। वो प्रयोग तो कर लेंगे लेकिन उस प्रयोग में किसी भी वस्तु की कितनी मात्रा लेनी है यह तो आप गणित के द्वारा ही संभव है। यह एक ऐसा विषय है जिसको हम अपने सारे जीवन भर याद करते रहते है। 
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 और इसका ज्ञान देते रहते है आप भले ही डॉक्टर बन जाओ आर्टिस बनो या इंजीनियर बनो लेकिन ये आपका पीछा नहीं छोड़ सकता है। इसलिए मेरा मानना है की हमे गणित पर अधिक ध्यान देना चाहिए। हमे इस की हर छोटे बड़े पहलू को समझना चाहिए। क्योकि जब कोई वैज्ञानिक कोई भी प्रयोग करते है और वो प्रयोग असफल हो जाये तो भी हम कहते है की हमसे कोई गणना छूट गयी होगी तभी तो हमारा प्रयोग असफल हो गया। 

यह भी इसी की ही चर्चा करते है फिर से हम जो भी कमी हमे मिलती है उसको सही करके फिर उसी काम को दूसरी बार करते है लेकिन फिर और कुछ कमी मिल जाती है। इसी प्रकर यह प्रकिया कई बार करते है जब हमारी साडी गणना पूरी हो जाती है तब हमे सफलत मिल जाती है। अभी अभी आपने देखा होगा की पूरे संसार में एक ऐसी महामारी फेल गयी थी की वैज्ञानिक और डॉक्टर सब के सब असमंज में पड़ गए थे की क्या करा जाय। 

 लेकिन उन्होंने अपना हौसला कम नहीं होने दिया और वो एक के बाद एक प्रयोग करते गए और कई बार असफल भी हुए फिर भी उन्होंने सफलता हाशिल कर ली और सरे संसार की जनता को इस महामारी से बचने का फार्मूला भी तलाश लिया। 



हर कोई इस विषय को जानता है और हर इंसान इससे घबराता भी है ये में मानता हूँ। क्योकि मेने देखा भी है की बहुत से विद्यार्थी गणित से डरते है लेकिन मुझे डर नहीं लगता था। मुझे पता था की एक यही विषय है जो हमे १००% नंबर दिला सकता है क्योकि अगर आप सही प्रश्न हल करोगे तो आपको उस प्रश्न का जो भी नंबर अंकित किया गया है वो ही आपको मिलेगा उसमे कोई कमी नहीं हो सकती है। 

इस विषय में एक और खासियत है की अगर आप इसका समय समय पर अभ्यास करते हो तो ही ये आपको याद रहता है नहीं तो आप इसको भूल जाते हो। ये आपने देखा भी होगा आप जितनी भी इस विषय की अभ्यास करते है उसके साथ साथ आप को दूसरे विषय में भी मन लगने लगता है। इस प्रकार आपके दूसरे विषय भी पूरे हो जाते है क्योकि आप दूसरे विषयो की भी अभ्यास समय से कर पाओगे। 

भारतीय गणितज्ञ और उनकी कृतियाँ 

आर्यभट प्रथम - आर्यभटीय 
वराह मिहिर - वृहज्जातक ,वृहत संहिता ,पंच सिद्धान्तिका 
बौधायन  - बौधायन शुल्क सूत्र 
ब्रह्मगुप्त - ब्रहास्फुट 
भास्कराचार्य  प्रथम - महाभास्करीय ,लघु भास्करीय 
महावीराचार्य - गणितसार संग्रह 
आर्यभट द्वितीय - महाआर्यभट्टीय ,महाआर्य सिद्धान्त 
श्रीधराचार्य - गणितसार ,जातक-तिलक 
श्रीपति मिश्र - पाटीगणित ,बीजगणित ,सिद्धान्त शेखर 
नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती - गोम्मटसार 
भास्कराचार्य द्वितीय - सिद्धान्त शिरोमणि ,लीलावती ,करण -कुतूहल 
नारायण पंडित - गणित कौमुदी 
नीलकंठ - ताजीकनीलकण्ठी 
कमलाकर - सिद्धान्त  तल विवेक 
सम्राट जगन्नाथ - सम्राट सिद्धान्त ,रेखागणित 
नृसिंह बापूदेव शास्त्री - रेखागणित ,त्रिकोणमिति ,अंकगणित 
श्री निवास रामानुजन - रामानुजन की डायरी 
स्वामी भारती कृष्ण तीर्थ जी - वैदिक गणित 
सुधाकर द्विवेदी - गोलीय रेखागणित 
डॉ. गणेश प्रसाद - मैथमेटिकल फिजिक्स एन्ड डिफरेंशियल इक्वेशन ऐट दबिगिनिंग ऑफ द ट्वंटीयथ सेन्चुरी 
शकुन्तला देवी - शकुन्तला देवीज द बुक ऑफ नम्बर्स ,शकुन्तला देवी मोर पज़ल्स 




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